Ekta Singh

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लेखनी कहानी -12-Jan-2023

         वो रात  (अपनी पगड़ी अपने हाथ)
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25 साल पुरानी बात है। यह एक सच्ची घटना है
मेरी मौसी जी के घर यह घटना घटी।
हम राजपूतों के  घर अक्सर यह बातें हो जाया करती हैं। यहां औरतों की बात सुनने वाला कोई नहीं होता। हम लोगों पर अपनी मर्जी थोपी जाती है। हमें अपनी मर्जी से कुछ भी करने का हक नहीं है क्योंकि, हमने औरत का जन्म लिया है।

यही मेरी बहन के साथ हुआ।
मेरी बहन का नाम रिंकी था अनजाने में ही वह एक लड़के से प्यार कर बैठी।
प्रेम  ऐसा जज्बा है जिस पर अपना बस नहीं होता आंखों को कौन भा जाए पता ही नहीं चलता।
अभी  रिंकी 12वीं की कक्षा में ही थी। रिंकी को स्कूल के एक लड़के के साथ  प्रेम हो गया।
वो दोनों स्कूल के अलावा भी छुप- छुप कर मिलने लगे। रानू एक अलग जाति का लड़का था।
रिंकी यह जानती थी। हमारे यहां प्यार करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है।
रिंकीऔर रानू दोनों ही एक दूसरे के प्यार में पागल
थे। एक दिन रिंकी के परिवार को कहीं जाना पड़ा।
रिंकी दादी के साथ अकेले ही रह गई।
उसकी दादी बीमार रहती थी।
उसने अपनी दादी को खाना दिया और दवाई देकर उनको सुला दिया।
इसी दौरान उसने चुपके से रानू को अपने घर बुला लिया। वह दोनों एक कमरे में बैठ गए । रिंकी ने रानू के लिए पकोड़े और चाय बनाई। दोनों बातें करते-करते पकोडे़ और चाय का मजा लेने लगे।  बातों-बातों में पता ही नहीं चला बहुत देर हो गई थी।
रिंकी ने  रानू को बोला तुम अपने घर चले जाओ
रानू कहने लगा 10 मिनट और बैठने दो। रिंकी उसको मना नहीं कर पाई। तभी रानू उसके करीब आकर किस करने लगा। वह घबरा गई।
उसने बोला यह सब ठीक नहीं है।

पर रानू नहीं माना । उसने रिंकी को गले लगा लिया
रिंकी चाह कर भी उससे दूर नहीं हो पाई।
पल भर में दोनों एक दूसरे के प्यार में खो गए।
जब होश आया  तो देर हो चुकी थी।
रिंकी ने अपने कपड़े फटाफट ठीक किए।
उसने रानू को बोला तुम अपने घर जाओ।
रानू अपने घर चला गया।
लेकिन रिंकी उस दिन सारी रात रानू को याद करके सो नहीं पाई। अगले दिन उसके माता-पिता घर आ गए ।
आज स्कूल जाने पर पर कुछ अलग सा महसूस हो रहा था। रानू को देखते ही वह शरमा गई।  रानू अपनी हंसी छुपाने लगा ।
ऐसे ही कुछ दिन बीतने लगे।
एक दिन रिंकी घर पर खाना खा रही थी । उसको उल्टियां आने लगी लगी।
उसकी की माँ ने सोचा रिंकी का पेट खराब हो गया है
वह रिंकी को डॉक्टर के पास ले गई।
डॉक्टर ने रिंकी का  चेकअप किया।
अचानक डॉक्टर घबरा गई।  डॉक्टर ने मासी को बताया कि आपकी बेटी  माँ बनने वाली है। यह यह सुनकर रिंकी की मां घबरा गई
रिकी की मां को चक्कर आ गया।
उसने डॉक्टर को बोला यह क्या कह रही है।
मेरी बेटी तो अभी कुंवारी है।
डॉक्टर ने प्यार से उसकी मां को बिठाया और बोला आप घर जाओ आराम से रिंकी से बात करो।
घर जाकर मासी बहुत रोने लगी।
रिंकी मां से माफी मांगने लगी।
उसने सारी बात अपनी मां को बता दी वह डर से कांपने लगी। वह रिंकी से बोली
बेटा तूने यह क्या कर दिया?
तेरे पापा हम सब को मार डालेंगे।
अचानक तभी उसके पापा घर पर आ गए। उन्होंने बोला यह क्या हो रहा है?
दोनो घबरा गई। वे गुस्से में बोले क्या बात है?
सच-सच बताओ। मासी को रिंकी  की सारी
बात बतानी पड़ी।
मौसा जी आग बबूला हो गए। उस दिन घर में बहुत बवाल मचा। मौसी ने मौसा जी को बहुत समझाया "अपनी पगड़ी जब तक अपने हाथ में हैं तब तक तो ठीक है"।लोगों को तो बातें बनाने का मौका चाहिए ••••••••••••••••
पर मौसा जी ने उनकी बात नहीं सुनी।

मौसा जी ने रिंकी का स्कूल जाना बंद कर दिया।
रानू को यह बात  किसी दोस्त से पता चल गई।
रानू ने एक चिट्ठी रिंकी की सहेली को दी और उसको बोला है रिंकी को दे देना।
रिंकी की सहेली  का नाम गीता था।
गीता ने  चिट्ठी रिंकी को दे दी ।
गीता अपने घर चली गई।
रिंकी ने अकेले में जाकर उस चिट्ठी को पढ़ा।
चिट्ठी को पढ़ कर वह बहुत परेशान हो गई।
फिर रिंकी ने एक निर्णय ले लिया।
उसी रात उसने अपना बैग पैक कर लिया
और वह घर से भाग गई
उधर से रानू भी उसको लेने आ गया
वह दोनों किसी दोस्त के घर जाकर छुप गए
दोनों ने शादी करने का निर्णय कर लिया था।
अगली सुबह वह एक मंदिर में पहुंच गए।
मंदिर में उसके दोस्त और भाई भी थे।
रानू के दोस्तों ने पहले ही पंडित जी से बात कर ली थी।
शादी की पूरी तैयारी हो गई थी।
उथर मौसी के घर में  हंगामा मचा हुआ था। सब रिंकी को ढूंढ रहे थे। मौसाजी ने अपनी बंदूक निकाल ली। अपनी बंदूक लेकर रिंकी को ढूंढने चल दिए।
तभी उनको किसी ने बताया कि रिंकी रानू के साथ मंदिर में शादी कर रही है
मौसा जी ने मोटर साईकिल तेज कर दी। और मंदिर पहुंच गए।
रिंकी पापा को देखकर घबरा गई।
पंडित जी फेरे करवा रहे थे।
तभी मौसा जी ने गोली चला दी
रिंकी रानू के आगे आ गई।
रिंकी -रानू वहीं ढेर हो गए।
दोनों खून से लथपथ हो गए।
मौसा जी अपनी मोटरसाइकिल लेकर कर अपने घर की ओर चल दिए।।
घर आकर वह मौन होकर बैठ गये।
घरवाले प्रश्न करते और वह कोई उतर नहीं देते।
ऐसा लग रहा था मौसा जी को बहुत बड़ा सदमा लगा है। थोड़ी ही देर में घर पर पुलिस आ गई।
पुलिस मौसा जी को गिरफ्तार करके ले गई।
चारों तरफ से रोने की आवाज आने लगी
लेकिन अब सब खत्म हो गया था मौसा जी ने अपने गुस्से के आ कर सब कुछ खत्म कर दिया था
मौसा जी अपनी शान बचाने के लिए दो लोगों को बलि चढ़ा दिया था।
पर मैं एक सवाल  आप सभी से करना
चाहती हूं। प्यार करना कोई गुनाह नहीं है।
लेकिन हमारा समाज आज भी इन बेड़ियों में
क्यों जकड़ा हुआ है?????

  . .  एकता सिंह चौहान
       ... दिल्ली


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2 Comments

Sant kumar sarthi

21-Jan-2023 03:37 PM

बेहतरीन

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Gunjan Kamal

20-Jan-2023 04:59 PM

बहुत खूब

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